हिमाचल ठीक तरह से देखभाल करता है अपने बुजुर्गों की ।
*सच्ची मुठभेड़(दिल्ली ब्यूरो)
उत्तरी भारत के सभी राज्यों में से केवल हिमाचल ही एक मात्र ऐसा राज्य है जो अपने बुज़ुर्गों की देखभाल में कोई कसर नहीं छोड़ता । हाल ही में प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के चैयरमैन डॉ. बिबेक देबरॉय ने 128 पृष्ठों की बुजुर्गों के जीवन-गुणवत्ता पर ज़ारी सूचकांक रिपोर्ट में इस आशय का खुलासा किया है । इस रिपोर्ट के अनुसार 5लाख से अधिक बुजुर्गों की श्रेणी में राजस्थान और अपेक्षाकृत कम दर्ज़े की श्रेणी में हिमाचल को देश भर में 61.14 अंक प्राप्त कर पहला स्थान प्राप्त हुआ है । उत्तराखंड, हरियाणा क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं जबकि पंजाब और जम्मू-कश्मीर का स्थान बहुत पीछे है। ऐसी स्थिति में जब विश्व के 96 देशों में बुज़ुर्गों के देख भाल के मामले में भारत का स्थान 77 वां है । इन हालातों में बुजुर्गों की सुविधाओं के बारे में सोचना भी मुश्किल लगता है। हिमाचल प्रदेश की कुल जनसँख्या 74,51,955 है । जिस दर से हिमाचल में जनसँख्या बढ़ रही है, बुज़ुर्गों की संख्या भी 2026 तक बढ़ कर 10 लाख हो जाएगी। हिमाचल प्रदेश में 70 प्रतिशत बुज़ुर्ग अपने परिवारों के साथ रहते हैं । हिमाचल में बुज़ुर्गों के सम्मान की परम्परा है। परिवार के छोटे अथवा बड़े निर्णयों में बुज़ुर्गों की राय अवश्य ली जाती है। ऐसी हालत में प्रदेश के बुज़ुर्ग भी खुद को सुरक्षित और सौभाग्यशाली समझ कर कृषि-कार्यों में हाथ बंटाते हैं।खेती के कार्यों में बुज़ुर्ग महिलायें भी अपना पूरा योगदान देती हैं। हिमाचल प्रदेश में बुज़ुर्गों की सबसे अधिक संख्या हमीरपुर जिला में है जबकि सबसे अधिक जनसँख्या वाला ज़िला कांगड़ा है ।
बुज़ुर्गों के जीवन गुणवत्ता सूचकांक के आकलन में निजी आय-सुरक्षा मानकों में अन्य राज्यों सहित हिमाचल की कारगुज़ारी भी संतोषजनक नहीं थी।

