बंदर अब शहर से निकल
जंगल में मँडराने लगा है
आदमी का पूर्वज कहलाने से
शर्मा ने लगा है
जब से बंदर ने
यह खबर पढ़ी है
कि सब के सब पकड़े जाएँगे
अख़बार की बिक्री बंद हो गई है
दूरदर्शन बंद कर दिया है
बंदर ने अख़बार के ख़िलाफ़
ना पढ़ने का हुक्मनामा जारी कर दिया है
अब अख़बार के कुछ नामचीनी पत्रकार
अपने बग़ल में काग़ज़ का टुकड़ा दबाए
बंदर पर लेख लिख रहे हैं।
ये वो बंदर है जो आप नहीं जानते
भांग खाते मदमाते बंदर।
बंदर की दो टांगे काट दी हैं
और सिर्फ़ दो टांगो पर ही
सोचता है बंदर
सरकार की घोषणा है
अलग बनाएँगे आरण्य
शहर में जब घुमता है वह
तो मीडीया लिख देता
अनाप शनाप शब्दावली
‘मौंकी वाचर’ होते है परेशान
आप शहर तो घूम लें
लेकिन अपने सामान का ध्यान रखना
आपका दायित्व तो नगर निगम है
लेकिन सामान इस परिधि से बाहर है।
एक बार फिर कह दूँ
देश में ख़ुशहाली है
अन्न इतना, फ़सलें इतनी कि
जहाँ से मन करे ले लें
अब कोई शिकायत दर्ज नहीं होगी
या दूसरी भाषा में कहूँ तो
कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई जाएगी
क्योंकि भगवान राम की कचहरी में
इनकी एक अपील सदियों से लंबित
भगवान की सेना कब बाहर निकले
इन्हें मालूम ही नहीं है
कब कर दी इनकी जनगणना
कब इनका नाम राष्ट्रीय नागरिका पंजी से
बाहर निकाला गया है जबकि पूर्वज सूची में हैं
क्यों प्रजनन पर लग गया निषेध
क्यों पुरस्कार पाते है मारने वाले ।
क्यों कर दिया है बंद इंटरनेट
लगा दिया कर्फ़्यू वह धारा जो कभी सुनी नहीं
अनुज पर दयाशंकर दया करें
आप तो अपनों को बचाने के लिए
विष भी गटक गये थे
मैं तो सिर्फ़ आप से संरक्षण माँगता हूँ
सूचना के अधिकार के तहत सूचना माँगता हूँ
अब तो हद हो गई कृपा निदान
और ख़बरें अब मत छापो बंदर के नाम से
बंद करो टट पाखंड़
मैंने भी कभी की थी आप की मदद।।
देवेंद्र धर
-0-